जांघ की मांसपेशियां गायब, फिर भी सफल ऑपरेशन
-एकॉर्ड अस्पताल आर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर राकेश कुमार ने रचा इतिहास
रोड एक्सीडेंट के बाद 35 साल से बिस्तर पर था मरीज
फरीदाबाद, 13 नवंबर। ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर-86 स्थित एकॉर्ड अस्पताल के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. राकेश कुमार ने एक बेहद जटिल और दुर्लभ सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर चिकित्सा जगत में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस अनोखे केस की जानकारी उन्होंने नीलम बाटा रोड स्थित एक होटल में आयोजित एक मेडिकल सेमिनार के दौरान दी गई।
डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि यह मामला इराक के 55 वर्षीय मरीज से जुड़ा है, जिसे करीब 35 साल पहले हुए सड़क हादसे में जांघ की मांसपेशियां की लगभग 15 सेंटीमीटर लगभग पूरी तरह गायब हो गई थी। मांसपेशियाें के अभाव में मरीज का घुटना चल नहीं रहा था। वह वर्षों से असहनीय दर्द के साथ-साथ घुटना के न चलने से परेशान था। स्थिति इतनी गंभीर थी कि मरीज लंबे समय से बिस्तर पर ही रहने को मजबूर था। इसके साथ ही घुटने में भी गंभीर खराबी आ चुकी थी और काफी सीवियर ऑर्थो आर्थराइटिस (जोड़ों के कार्टिलेज के पूरी तरह घिस जान के कारण गंभीर स्थिति पैदा हो चुकी थी) के कारण घुटना रिप्लेसमेंट की आवश्यकता थी।
हालांकि जांघ मांसपेशियां से गायब होने के कारण घुटने का ऑपरेशन संभव नहीं माना जाता। ऐसे में एकॉर्ड अस्पताल की टीम ने जटिल रणनीति अपनाई। डॉक्टरों ने मरीज के शरीर के अन्य हिस्सों से ग्राफ्ट लेकर मांसपेशियों का पुन: निर्माण किया। इसके अलावा शरीर के दो अलग-अलग स्थानों से मांसपेशियां लेकर उनके छह स्ट्रेंट (सपोर्ट स्ट्रक्चर) तैयार किए गए और मांसपेशियाें के बड़े गैप को भरा गया। इसके बाद ही घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी को सुरक्षित रूप से किया जा सका।
डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि ऑपरेशन के करीब चार महीने बाद मरीज के पैर ने दोबारा काम करना शुरू कर दिया और वह धीरे-धीरे चलने में सक्षम हो रहा है। अब वह पूरी तरह बिना किसी सपोर्ट के चल सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की सर्जरी विश्व स्तर पर बेहद दुर्लभ है और यह केस जल्द ही प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल इंडियन जर्नल ऑफ ऑर्थोपेडिक्स में प्रकाशित किया जाएगा। यह सफलता एकॉर्ड अस्पताल की विशेषज्ञता और भारतीय चिकित्सा विज्ञान की वैश्विक पहचान को और मजबूत करती है।
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