इथोपिया की 44 वर्षीय महिला को हाई-रिस्क माइट्रल वाल्व रिप्लेसमेंट से मिली नई जिंदगी
फरीदाबाद: इथोपिया देश की 44 वर्षीय एक किडनी वाली चार बच्चों की मां को अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद में सफल हाई-रिस्क हार्ट सर्जरी माइट्रल वाल्व रिप्लेसमेंट से नई जिंदगी मिली ।
इससे पहले महलेट टेडसे हैले की 18 साल पहले भी एक बार ओपन-हार्ट सर्जरी हो चुकी थी। सर्जरी के बाद वह अगले 20 सालों में वह चार बार मां बनी। हर एक गर्भावस्था ने उनके दिल पर ज्यादा दबाव डाला। पहली सर्जरी के दौरान लगाया गया बायो प्रोस्थेटिक माइट्रल वाल्व समय के साथ खराब हो गया। माइट्रल वाल्व कम उम्र के मरीजों में खराब होना आम बात है।
2025 के आखिर तक 18 साल पुराना वाल्व गंभीर रूप से फेल होना शुरू कर दिया। इससे महलेट को सांस लेने में दिक्कत, और रोजमर्रा के कामों को करने में परेशानी और यहां तक कि चलने में असमर्थता महसूस होने लगी। अमृता हॉस्पिटल फरीदाबाद में जांच करने पर पता चला कि महिला का माइट्रल वाल्व काफ़ी ख़राब हो चुका था और फेफड़े में दबाव बढ़ता जा रहा था। फेफड़े की इस स्थिति को पल्मोनरी हाइपरटेंशन कहते हैं। अमृता हॉस्पिटल के एडल्ट कार्डियक सर्जरी के सीनियर कंसलटेंट व एचओडी डॉ समीर भाटे ने बताया, “इस केस में हार्ट ब्रेस्टबोन से चिपक गया था। अगर सीने में चीरा लगाकर इलाज किया जाता तो बहुत ज्यादा खून बहने का खतरा था। महलेट में एक ही किडनी थी, तो हर क्लिनिकल फैसले को पूरी सटीकता से लेना पड़ा। महलेट की उम्र, लाइफस्टाइल और किडनी की अंदरूनी हालत को देखते हुए मेडिकल टीम ने मैकेनिकल वाल्व और टिश्यू (बायो प्रोस्थेटिक) वाल्व में से चुनने के बारे में उसे और उसके परिवार को काफी समय तक सलाह दी। आखिरी फैसला टिश्यू वाल्व को करने के पक्ष में लिया गया। फिर हम लोगों ने प्रक्रिया को सफल अंजाम दिया।”
काफ़ी जटिलता और खतरे के बावजूद महलेट की सर्जरी के बाद रिकवरी काफी अच्छी रही। किडनी बिना किसी समस्या के सामान्य रूप से काम कर रही है, दिल की धड़कन सामान्य हो चुकी है और सर्जरी के कुछ ही दिनों में महिला में ख़ुद से काम करने की हिम्मत आ गई है।
सर्जरी के बाद महलेट के लक्षणों और संपूर्ण सेहत में काफी सुधार हुआ है।



