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बोल्ट अब हुआ ‘गोबोल्ट’; प्रीमियम सेगमेंट पर फोकस, इस साल 1000 करोड़ रुपए का लक्ष्य, रिटेल का 10 गुना विस्तार और ग्लोबल प्लान
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बोल्ट अब हुआ ‘गोबोल्ट’; एक नया रूप, एक नई शुरुआत
वित्त वर्ष 2024-25 में 800 करोड़ रुपए का आँकड़ा पार, अब वित्त वर्ष 26 में 1,000 करोड़ रुपए के लक्ष्य की तैयारी
• अगले 18 महीनों में 3,000 से बढ़ाकर 30,000 से अधिक स्टोर्स तक रिटेल मौजूदगी का विस्तार करने की योजना
• डिज़ाइन-आधारित प्रोडक्ट लाइन के साथ 2,000 रुपए से अधिक एएसपी कैटेगरी में एंट्री
• आरएंडडी और डीप टेक इनोवेशन में 25 करोड़ रुपए के निवेश का वादा
• 2030 तक अमेरिका, यूरोप, साउथईस्ट एशिया और ईस्ट एशिया में ग्लोबल लॉन्च की योजना
मुंबई, अगस्त 2025: देश का सबसे तेज़ी से बढ़ता वियरेबल ब्रांड, बोल्ट अब अपने नए सफर की शुरुआत कर रहा है। कंपनी ने अब खुद को गोबोल्ट के नाम से पेश किया है, जिसके साथ नया लोगो, ज्यादा फोकस वाली बिज़नेस स्ट्रेटेजी और टेक्नोलॉजी, डिज़ाइन व रिटेल में बड़े निवेश की भी घोषणा की गई है। यह बड़ा बदलाव वित्त वर्ष 25 की शानदार सफलता के बाद किया गया है। बोल्ट ने इस साल 800 करोड़ रुपए का टर्नओवर हासिल किया, जो पिछले दो सालों में दोगुनी कमाई की तरफ इशारा करता है। अब गोबोल्ट का लक्ष्य वित्त वर्ष 26 में 1,000 करोड़ रुपए का आँकड़ा पार करना है।
आज के डिजिटल दौर के ग्राहक तेज़ी से जीते हैं, आगे की सोचते हैं और फैसले लेने के लिए किसी की इजाज़त का इंतज़ार नहीं करते। उन्हें ऐसे ब्रांड चाहिए, जो उनकी रफ्तार से चलें और गोबोल्ट ठीक उसी स्पीड और सोच के साथ मैदान में उतरा है।
‘गो’ शब्द बदलाव की सोच का संकेत है, जिसमें रफ्तार, जुनून और बदलाव की भावना इस ब्रांड के मूल में निहित है। और यह बदलाव अब ब्रांड की पूरी बिज़नेस स्ट्रेटेजी में झलकता है, जिसमें प्रोडक्ट डिज़ाइन से लेकर रिटेल विस्तार, ग्लोबल पहचान और कस्टमर एक्सपीरियंस तक हर पहलू शामिल है।
गोबोल्ट का नया लोगो भी इसी सोच को दर्शाता है। इसमें दो प्रतीक हैं: एक स्क्रूहेड और एक तीर का निशान। स्क्रू ब्रांड की आंतरिक मज़बूती, इनोवेशन और बारीकी को दर्शाता है, जबकि तीर ‘गो’ शब्द के जुड़ने का संकेत देता है, जो ब्रांड की आगे बढ़ने की सोच, फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी और बदलाव की दिशा को दर्शाता है। ये दोनों मिलकर बताते हैं कि गोबोल्ट क्या है और किस दिशा में बढ़ रहा है।
गोबोल्ट के को-फाउंडर, वरुण गुप्ता ने कहा, “बोल्ट की परिभाषा मेरे लिए कभी-भी सिर्फ एक ब्रांड तक सीमित नहीं रही है। यह मेरे लिए एक पैशन प्रोजेक्ट था, जिसे मैंने दिल, मेहनत और भरोसे से बिल्कुल शून्य से शुरू किया था। अब गोबोल्ट सिर्फ एक नया नाम नहीं, बल्कि मेरे लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि है।”
उन्होंने आगे कहा, “हम अपनी सोच, काम करने के तरीके और ब्रांड को बनाने के नज़रिए को पूरी तरह बदल रहे हैं। गोबोल्ट एक ऐसा ब्रांड है, जो आज की युवा पीढ़ी की रफ्तार और स्टाइल से बखूबी मेल खाता है। यह बदलाव सिर्फ नाम का नहीं, बल्कि हमारी उस सोच का है जो तेज़ी से आगे बढ़ने, बड़ा सोचने और भारतीय इनोवेशन को ग्लोबल मंच पर ले जाने का वादा करता है। मेरे लिए यह बदलाव के साथ चलने की बात नहीं है, बल्कि बदलाव का नेतृत्व करने की बात है। गोबोल्ट एक नया रूप है, एक नई शुरुआत है और एक ऐसा कदम है, जो एक ग्लोबल भारतीय टेक ब्रांड बनाने की ओर बढ़ रहा है, उतना ही बोल्ड, जितना कि आज का युवा है।”
गोबोल्ट अब 2,000 रुपए से अधिक की औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) वाले सेगमेंट में कदम बढ़ा रहा है, जहाँ इसका फोकस खास तौर पर डिज़ाइन, वियरेबल्स, फैशन से मेल खाते ऑडियो डिवाइसेज़ और टेक-आधारित पर्सनल गियर पर रहेगा। ब्रांड अपने प्रीमियम सेगमेंट को मज़बूत करने के लिए प्रोडक्ट इनोवेशन, जेन ज़ी की डिज़ाइन पसंद और ओम्नीचैनल मौजूदगी को प्राथमिकता दे रहा है।
गोबोल्ट अगले 18 महीनों में अपने रिटेल नेटवर्क को 3,000 स्टोर्स से बढ़ाकर 30,000 से अधिक स्टोर्स तक ले जाने की तैयारी कर रहा है, जिसमें जनरल ट्रेड, मॉडर्न रिटेल और अनुभव आधारित फॉर्मैट शामिल होंगे। इससे कंपनी की आमदनी में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है, क्योंकि ऑफलाइन बिक्री बिज़नेस का अहम् हिस्सा बन रही है।
कंपनी ने रिसर्च और डिज़ाइन इनोवेशन के लिए 25 करोड़ रुपए का बजट तय किया है। इसका उद्देश्य एक एआई-फर्स्ट कंपनी बनाना, ज्यादा स्मार्ट हार्डवेयर तैयार करना, सॉफ्टवेयर को गहराई से जोड़ना और यूज़र्स को एक सहज अनुभव देना है। इसी दिशा में इंजीनियरिंग और डिज़ाइन टीमों को भी और मज़बूत बनाया जाएगा।
गोबोल्ट इस समय अंतर्राष्ट्रीय विस्तार की तैयारियों में जुटा है, जो अगले साल शुरू होगा। शुरुआत अमेरिका, यूरोप, दक्षिण-पूर्व एशिया और पूर्वी एशिया से की जाएगी। ब्रांड का नया नाम और पहचान भारत और वैश्विक दोनों तरह के ग्राहकों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, ताकि गोबोल्ट को एक ऐसा पर्सनल टेक ब्रांड बनाया जा सके, जो भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार हो।
गोबोल्ट के को-फाउंडर, तरुण गुप्ता ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से तालमेल बिठा रहे हैं कि हमारे बिज़नेस के हर टचपॉइंट से ग्राहकों को प्रीमियम अनुभव मिले, चाहे वह रिटेल स्टोर हो, पैकेजिंग या खुद प्रोडक्ट। हमारा बढ़ता रिटेल नेटवर्क, दमदार प्रोडक्ट लाइन और अंतर्राष्ट्रीय विस्तार की स्ट्रेटेजी हमें हमारे अगले विकास चरण की ओर ले जा रही है, जहाँ हमारा लक्ष्य साल 2030 तक 2,000 करोड़ रुपए तक पहुँचना है।”
साथ ही, कंपनी टेक्नोलॉजी और पॉप कल्चर को जोड़ने वाले पार्टनरशिप्स पर भी ज़ोर दे रही है। डिज़ाइन-फर्स्ट सोच के साथ खास लिमिटेड एडिशन प्रोडक्ट्स भी लॉन्च किए जा रहे हैं। हाल ही में की गई मस्टैंग साझेदारी इसी दिशा में एक बड़ी शुरुआत थी।
यह बदलाव गोबोल्ट की उस बड़ी सोच को दर्शाता है, जिसमें वह भारत का एक प्रतिष्ठित पर्सनल टेक्नोलॉजी ब्रांड बनने की ओर बढ़ रहा है। यही आधार भविष्य में आईपीओ के लिए तैयार होने और लंबे समय तक वैश्विक स्तर पर विस्तार की दिशा में मज़बूत कदम है।

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