FARIDABAD(Anurag Sharma) फरीदाबाद साहित्यिक एवं सांस्कृतिक केंद्र (एफएलसीसी) फरीदाबाद में साहित्यिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के सफल आयोजन, शैक्षणिक विकास, कौशल वृद्धि (स्किल डवल्मेंट), और खेल के क्षेत्रों में स्थानीय प्रतिभाओं की पहचान और उन्हें निखारने के उद्देश्य से, ‘निस्वार्थ सेवा’ से व्यापक स्तर पर अपनी गतिविधियों को सफलतापूर्वक आयोजन और विस्तार के लिए प्रतिबद्ध एवं प्रयासरत है।
हाल ही में गीता आश्रम, रेलवे रोड़, फरीदाबाद में लोगों, विद्यार्थीओं की बौद्धिक, शैक्षिक, प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं, सूचनात्मक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं को पूरा करने के उदेश्य से एक बौद्धिक शक्ति घर के रूप में वातानुकूलित ‘एफएलसीसी ई-लाइब्रेरी’ की स्थापना की गई जिसमें बीस वर्कस्टेशन पर कंप्यूटर व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।
श्री कौशल विश्वविद्यालय के 7वें स्थापना दिवस में मुख्य अतिथि रणबीर सिंह गंगवा, कैबिनेट मंत्री, हरियाणा सरकार, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के विशेष कार्य अधिकारी डॉ. राज नेहरू, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रोफेसर दिनेश कुमार, तथा रजिस्ट्रार ज्योति राणा तथा एफएलसीसी के प्रधान नवीन सूद, महासचिव मनोहर लाल नंदवानी, कोषाध्यक्ष वसु मित्र सत्यार्थी तथा कार्यकारी सदस्य अश्विनी सेठी की उपस्थित में एक औपचारिक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए गये।
एफएलसीसी ई-लाइब्रेरी में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्णय के क्रियान्वयन हेतु एफएलसीसी तथा भारत के पहले सरकारी कौशल विश्वविद्यालय, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल की सामुहिक महत्वपूर्ण पहल के अंतर्गत कम लागत पर गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, प्रमाणन, और नौकरी के अवसर तथा कुशल कार्यबल की उपलब्धता सुनिश्चित करके क्षेत्रीय आर्थिक विकास में योगदान देने के उदेश्य से उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुसार युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोज़गार के अवसर प्रदान करने के लिए सामाजिक प्रतिबद्धता का एक सार्थक प्रयास है।
इस औपचारिक समझौते ज्ञापन (MOU) का मुख्य उदेश्य दोनों संस्थाओं द्वारा आपसी समझ और सहयोग के साथ मिलकर काम करते हुए “सीखो कमाओ और आत्मनिर्भर बनो” की तर्ज पर कौशल-आधारित शिक्षा द्वारा निःशुल्क या कम लागत पर गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, प्रमाणन, इंडस्ट्रीज़ के साथ मिलकर छात्रों को व्यावहारिक अनुभव देकर भविष्य के लिए तैयार कर नौकरी के अवसर प्रदान करना है।



